tag:blogger.com,1999:blog-4974949269423426683.post7790873490803390265..comments2023-11-02T21:27:00.700+05:30Comments on दिल एक पुराना सा म्यूज़ियम है...: क्या जनरल सिंह अपनी व्यक्तिगत अहमन्यता की पुष्टि के लिए सैन्य बलों के सम्मान को मुद्दा बना रहे हैं ?roushanhttp://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4974949269423426683.post-24482803289782910552012-11-26T22:39:02.259+05:302012-11-26T22:39:02.259+05:30व्यक्तिगत इमानदारी बहुत ही अच्छी चीज है पर एक संस्...व्यक्तिगत इमानदारी बहुत ही अच्छी चीज है पर एक संस्था के सर्वोच्च पद सहित कई उच्च पदों पर काम करते हुए आपने क्या किया संस्था की कमियां दूर करने के लिए यह जनरल सिंह से पूछने वाली बात है और कम से कम एक इतने महत्वपूर्ण पद को धारण करने की बाद इतनी तमीज तो होनी चाहिए की क्या और कैसे बोलना है roushanhttps://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4974949269423426683.post-81790590526207019152012-11-18T19:00:50.662+05:302012-11-18T19:00:50.662+05:30जनरल साहब की व्यक्तिगत ईमानदारी काबिलेतारीफ़ है। उन...जनरल साहब की व्यक्तिगत ईमानदारी काबिलेतारीफ़ है। उन्होंने जिस तरह तथाकथित घूस का आफ़र ठुकराया वह भी ठीक है। लेकिन जिस तरह वह साल भर बाद बताया और जिस तरह अपने लिये आखिरी में लड़े वह अच्छा नहीं लगा। सेना में जनरल बनने की बाद वे टाट्रा ट्रक के बारे में जाने तब तो बहुत गड़बड़ है। यह बात तो लगभग सभी जानते थे जो सेना को ट्रक सप्लाई के काम में लगे हैं। डिपों में तमाम गड़बडियां हैं उनको दूर नहीं कर पाये जनरल साहब। संस्थागत भ्रष्टाचार को दूर/कम करने के लिये एकमात्र व्यक्तिगत ईमानदारी ही काफ़ी नहीं होती।<br /><br />बाद में जिस तरह उनके नाम से संसद घेरने जैसे बयान जारी किये उससे लगा उनकी समझ बहुत बचकानी है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4974949269423426683.post-44853810709294945152012-01-19T09:29:21.202+05:302012-01-19T09:29:21.202+05:30जनरल सिंह को २००६ से पहले इस बात की जानकारी नहीं थ...जनरल सिंह को २००६ से पहले इस बात की जानकारी नहीं थी?<br />प्रश्न यह भी है की जब उन्होंने इसे अपना व्यक्तिगत मामला बताया तो तेरह लाख सनिकों के सम्मान की बात कहाँ से आई?<br />हर संगठन के प्रमुख का व्यक्तिगत मामला उस संगठन के सभी सदस्यों के सम्मान का मुद्दा माना जाए?<br />जिस संगठन में यह कमी है है वह उस संगठन के मुखिया भी हैं क्या उन्होंने कोई पहल की?<br />रौशन<br />http://kuhasa.blogspot.comroushanhttps://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4974949269423426683.post-19267908993577220532012-01-19T09:19:16.028+05:302012-01-19T09:19:16.028+05:30प्रश्न उठता है कि जब यह उनके व्यक्तिगत सम्मान और न...प्रश्न उठता है कि जब यह उनके व्यक्तिगत सम्मान और निष्ठा का मामला है तो फिर तेरह लाख सैनिकों के सम्मान को क्यों मुद्दा बनाया जा रहा है.<br /><br />@ जनरल सिंह अपनी जन्म तिथि ठीक कराने के लिए आज से नहीं सन २००६ से लड़ रहे है जब एक जनरल एक त्रुटि ठीक नहीं करवा सकता तो एक अदने से सैनिक के साथ कैसा वर्ताव होगा ?<br /> ओर ये क्यों हो रहा है इसके बारे में जानने के लिए यह लेख भी पढ़ लें आपको समझ आ जायेगा -<br />http://www.chauthiduniya.com/2012/01/its-a-question-of-honor-of-the-army.htmlGyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.com