कुछ दिल की ...
जब बरसती है अम्बर से आग तो कुदरत भी लाल फूल ही खिलाती है।
दहक उठी है पेड़ों पर आग खिल गए फिर से पलाश फिर से आसमां सिंदूरी हो गया