कुछ दिल की ...
उन्ही पत्तियों से न जाने कितनी बार चाय बनी है।
काफी दिनों बाद पुनः आ पाया हूँ इस ब्लॉग पर. अच्छा लगा.
कम शब्दों में अधिक बात...नीरज
उन्ही पत्तियों से न जाने कितनी बार चाय बनी है।
जवाब देंहटाएंकाफी दिनों बाद पुनः आ पाया हूँ इस ब्लॉग पर. अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में अधिक बात...
जवाब देंहटाएंनीरज