रविवार, 31 मई 2020

गुमनाम सी मंत्रिपरिषद!


संतोष गंगवार जी बरेली से 2009 को छोड़कर 1989 से लगातार सांसद चुने जा रहे हैं। वे अटल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर भाजपा नेताओं में गिने जाते हैं। हमें हमेशा लगता रहा है कि वर्तमान सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री का पद उनके कद और अनुभव के लिहाज़ से कम है। वैसे अन्य तमाम मंत्रियों की तरह वे भी थोड़ा गुमनाम से हो चले हैं तो देश को ये जानकारी न होना कि वे आजकल कौन सा मंत्रालय देख रहे हैं, मंत्री हैं भी या नही या फिर श्रम मंत्री कौन है आश्चर्यजनक नही है।
 भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया राजनैतिक कद, उम्र और अनुभव हर लिहाज से संतोष गंगवार से कमतर ही हैं। गौरव भाटिया और संतोष गंगवार एक ही राज्य से आते हैं
सत्ताधारी दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता को देश के श्रम मंत्री का नाम मालूम न होना यह बताता है कि देश में संवैधानिक संस्थाओं का कितना क्षरण हो चुका है। 
यह क्षरण अचानक नही हुआ है जो लोग देखना चाहते हैं और देखने के बाद समझना भी चाहते हैं और अंत में समझने के बाद स्वीकार करने का साहस रखते हैं उन्हें यह क्षरण लगातार नज़र आ रहा है।

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