एक मत के अनुसार 1857 के विद्रोह के लिए जिम्मेदार कारणों में एक कारण कृषकों की बदहाली भी थी आखिर सैनिक सैनिक होने के पहले किसान ही थे सैनिक होते हुए भी किसान थे और सैनिक न रहने की बाद भी किसान ही रहने वाले थे। वर्दी पहन लेने भर से वे अपने समाज से अपनी नियति से और अपने आप से कट जाने वाले नहीं थे।
हम सभी जिनका किसी गाँव से कोई भी सम्बन्ध होता है कुछ होने न होने के साथ किसान भी होते हैं और किसानों को प्रभावित करने वाली हर चीज हमें प्रभावित करती है वर्दी पहने या जीन्स, खेती करें या नौकरी, अपने नाम पर जमीन हो या न हो
फोटो रेजीडेंसी लखनऊ की है जो दुनिया के सबसे शक्तिशाली साम्राज्य के विरुध्द उन्ही वर्दी पहने किसानों के सबसे प्रचंड विद्रोह का एक मजबूत गवाह है। संयोग से फोटो रेजीडेंसी के चर्चयार्ड की है।
रविवार, 11 जून 2017
कृषक अशांति
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें