गुरुवार, 23 जुलाई 2009

लिंकन का पत्र अपने बेटे के शिक्षक के नाम

यह पत्र अब्राहम लिंकन ने अपने बेटे के शिक्षक को लिखा था . मुझे लगता है इसकी प्रासंगिकता आज भी है
मै जानता हूँ की उसे सीखना है कि
सभी लोग न्याय प्रिय नहीं होते
सभी लोग सच्चे नहीं होते
लेकिन उसे यह भी सिखाएं कि
जहाँ एक बदमाश होता है
वहीं एक नायक भी होता है
यह कि हर स्वार्थी राजनेता के जवाब में
एक समर्पित राजनेता होता है
उसे बताइए कि जहां एक दुश्मन होता है
वहीँ एक दोस्त भी होता है
अगर आप कर सकें तो
उसे ईर्ष्या से बाहर निकालें
उसे खामोश हसीं का रहस्य बताएं
उसे जल्दी यह सीखने दें कि
गुंडई करने वाले बहुत जल्दी चरणस्पर्श करते हैं
अगर पढ़ा सकें तो उसे
किताबों के आर्श्चय के बारे में पढाएं
लेकिन उसे इतना समय भी दें कि
वह आसमान में उड़ती चिडिया के,
धुप में उड़ती मधुमक्खियों के ,
और हरे पर्वतों पर खिले फूलों के
शाश्वत रहस्य के बारे में सोच सके
उसे स्कूल में यह भी सिखाओ के
नकाल करने से कहीं ज्यादा
स्म्मान्जानक है फेल हो जाना
उसे अपने विचारों में विश्वास
करना सिखाएं,
ताब भी जब सब उसे गलत बताएं
उसे विनम्र लोगों से विनम्र रहना
और कठोर लोगों से कठोर व्यावार करना सिखाएं
मेरे बेटे को ऐसी ताकत दो कि वह उस भीड़ का हिस्सा न बने
जहां हर कोई खेमे में शामिल होने में लगा हो
उसे सिखाओ कि वह सबकी सुने
लेकिन उसे यह भी बताओ कि
वह जो कुछ सुने उसे सच्चाई की छन्नी पर छाने
और उसके बाद जो अच्छी चीज बचे उसे ही ग्रहण करे
अगर आप सिखा सकते हैं तो उसे सिखाएं कि
जब वह दुखी हो तो कैसे हसे
और उसे सिखाएं कि आंसू आना कोई शर्म कि बात नहीं है
उसे सिखाएं कि निंदकों का
कैसे मजाक उडाया जाए
और ज्यादा मिठास से
कैसे सावधान रहा जाए
उसे सिखाएं कि अपने बल और बुद्धि को
कैसे ऊंचे दाम पर बेचे
लेकिन अपने ह्रदय और
आत्मा को किसी कीमत पर न बेचे
उसे सिखाएं कि एक चीखती भीड़ के आगे
अपने कान बंद करले
और अगर वह अपने को सही समझता है तो
जम कर लादे
उससे विनम्रता से पेश आयें
पर छाती से न लगायें रहें
क्योंकि आग में ही तप
कर लोहा मजबूत होता है
उसमें साहस आने दें
उसे अधीर न बनने दें
उसमे बहादुर बनने का धैर्य आने दें
उसे सिखाएं कि वह अपने में गहरा विश्वास रखे
क्योंकि तभी वह मानव जाती में गहरा विश्वास रखेगा
यह एक बड़ी फरमाइश है पर देखिये आप क्या कर सकते हैं
क्योंकि यह छोटा बच्चा मेरा बेटा है .

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत प्रेरक प्रसंग पढ़वाने के लिए धन्यवाद।
    लिंकन की आत्मकथा ही शिक्षाप्रद है। यह पत्र तो सर्वश्रेष्ठ है।

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  2. यह तो हर इंसान को पढाया जाना चाहिए , बच्चे से लेकर बड़े तक। आज जिस गर्त में दुनिया जा रही है, यह सब नैतिकता के अभाव के कारण ही तो है।

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  3. प्रेरक प्रसंग को हमार साथ साझा करने का आभार।

    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  4. यह पत्र बहुत फले से ही प्रेरणा देता रहा है मुझे।

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  5. बढ़िया नसीहत... शिक्षा प्रणाली में बदलाव की हिमायत से सहमति।
    
    

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