सोमवार, 8 अगस्त 2011

तुम्हारे बग़ैर

रास्तों पर मोड़ हों

तो अच्छे लगते हैं रास्ते

तुम कहते थे 





गुजरकर सैकड़ों मोड़ों से

आज भी याद है हमें

 वो सारी बातें

 जो तुम कहते थे।



सुंदर सी तुम्हारी आँखें

हो जाती थीं और भी सुंदर

संजों कर ख़ुद मेँ

ढेर सारे प्यारे-प्यारे सपने

भिगो देतीं थीं

भीतर तक तुम्हारी बातें

और मंत्रमुग्ध से हम

समेटते रहते

तुम्हारी बातें

अपनी बातों मेँ,

तुम्हारे सपने

अपने सपनों मेँ,

और तुम्हारी आँखें

अपनी आँखों मेँ.



आज जब तुम नही हो

आईना दिखाता सा लगता है

हर अकेलापन

देखते रहतें हैं

जिसमे घंटों हम

अपनी ही आँखों मेँ

अब भी खिलते,

तुम्हारे ही सपने,

उनमें डूबी हुई सी

तुम्हारी गहरी आँखें.



घेर लेती हैं हर मोड़ पर

हमें तुम्हारी यादें.

तुम्हारे बाद, अब

कुछ भी नही बदलता

किसी भी मोड़ पर

और अच्छा नही लगता

हमें ये रास्ता

तुम्हारे बग़ैर


5 टिप्‍पणियां:

  1. स्मृतियों की डगर सदा ही रहस्यमयी होती है।

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  2. बेहद खूबसूरत रचना...बधाई स्वीकारें...

    नीरज

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  3. रोशन जी सहमत हूँ आपसे लेकिन हिन्दुस्तान में गिद्ध भी अब राजनीति में ही शेष हैं ,पक्षी जगत में इतने गिद्ध कहाँ से लायेंगे ?रसायन उन्हें खा गए वे बेचारे तो मृत पशुओं का ही भक्षण करने वाले पर्यावरण मित्र थे .पशु लदे थे रसायनों से .पशु खाते थे चारा चारे में था रसायन .http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/ कृपया यहाँ भी पधारें -शुक्रिया रौशन भाई .
    Wednesday, August 10, 2011
    पोलिसिस -टिक ओवेरियन सिंड्रोम :एक विहंगावलोकन .
    व्हाट आर दी सिम्टम्स ऑफ़ "पोली -सिस- टिक ओवेरियन सिंड्रोम" ?
    तुम्हारे बाद, अब

    "कुछ भी नही बदलता

    किसी भी मोड़ पर

    और अच्छा नही लगता

    हमें ये रास्ता

    तुम्हारे बग़ैर " बहुत सुन्दर मानसिक कुहाँसा ,मन पे पड़ी छाप ............छाप तिलक सब दीन्हीं रे तो से नैना मिलायके .......
    और यह भी कि तुम थे तो रास्ते भी रास्ते थे ,अब वो बात कहाँ ,
    वही जो सुन्दर लगते थे ,अब काटने को दौतें हैं ,रुक कर सोचता हूँ यह मैं हूँ या कोई और ? http://veerubhai1947.blogspot.com/
    सोमवार, ८ अगस्त २०११
    What the Yuck: Can PMS change your boob size?

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  4. अपनों का होना ही तो जीवन को अर्थ देता है
    उनके बिना कहाँ कुछ होता है
    जादू जगाती लाइनें
    पढ़ के अजीब सा लगता है

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hamarivani

www.hamarivani.com