हमारे एक मित्र की एक आँख चोट की वज़ह से जा चुकी है पर नियमों के अनुसार उसकी विकलांगता का प्रतिशत40 से कम आता है और वह सामान्य श्रेणी से ही नौकरियों में आवेदन कर सकता है। इसीलिए वह हमेशा सामान्यश्रेणी से ही परीक्षाएं देता रहता है ।
हाल ही में उसका चयन स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से हुआ। मेडिकल जांच में उसे सेवाके लिए अनफिट पाया गया ।
अजीब बात है की अगर उसकी विकलांगता का प्रतिशत थोड़ा सा और होता तो उसे उसी सेवा में न सिर्फ़ आरक्षणमिलता बल्कि वह फिट भी होता। अब थोड़ा कम विकलांगता प्रतिशत होने के चलते वह सामान्य श्रेणी से परीक्षाउत्तीर्ण करके भी सेवा में नही जा सकता ।
इस मामले को उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उठाना चाहिए।
जवाब देंहटाएंयह तो वाकई गम्भीर मसला है। उसी पद/सेवा में विकलांग के लिये फिटनेस के अलग मानक कैसे हैं - यह तो भेद-भाव का मामला हो गया।
जवाब देंहटाएंHehehe...This is India!
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