सबसे खूबसूरत वो पारी है
जो अभी खेली जानी बाकी है
सचिन के लिए .
मुझे क्रिकेट में कोई ख़ास रूचि नही है पर जब भी मैच होता है सचिन का खेल देखने बैठ जाती हूँ . कभी कभी तो ऐसा मन होता है कि ओपनिंग करने वाले और सचिन के पहले आने वाले आउट हो जाय जिससे सचिन क्रीज पर आ जायें और ........
हर टेस्ट के पहले सोचती हूँ कि इस टेस्ट में सचिन ४०० क्रास कर जाएँ . हर वनडे के पहले मन होता है कि काश इस मैच में सचिन २०० क्रास कर जाए . मेरे दोस्त कहते हैं मुझे क्रिकेट की समझ नही है . मै हूँ जानती वो सही हैं.
पर सचिन आइकोन सिर्फ़ अपने क्रिकेट के लिए ही नही बने हैं. उनकी सरलता , उनकी लगन , उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति सब कुछ मिलकर उन्हें आइकोन बनाती है. २००३ के वर्ल्ड कप में पहले दो मैचों के बाद कप्तान और कोच नही सचिन को प्रेस कांफ्रेंस करे को कहा गया कि भारतीय क्रिकेट प्रेमी भरोसा रखें . वो एक ऐसा चह हैं जिनमे अपने आप भरोसा हो जाता है .
कुछ दिन पहले किसी ने कहा था कि ओबामा अमेरिका के लिए वही है जो क्रिकेट के लिए सचिन हैं. पता नही इन समानताओं में क्या होता है क्या नही .
कभी कभी सोचती हूँ कि भारतीय राजनीति को उसका अपना सचिन कब मिलेगा ,
जिसमे भरोसा हो सबको
जो खरा उतरे उन भरोसों पर
भले ही प्रश्न उठें पर वो उत्तर देने को हमेशा तत्पर रहे .
कहने को आर्यसमाजी हूँ .....पर क्रिकेट में घोर अन्धविश्वासी हूँ खास तौर से सचिन को लेकर ..इस शतक में भी खड़ा रहा घूमता रहा ,बैठा नही......जब वे आउट हो जाते है .अचानक मूड ऑफ़ हो जाता है.....१८ साल से ये आदमी कितनी उम्मीदों का बोझ अपने कंधो पे उठाये घूम रहा है फ़िर भी विनम्र है.....
जवाब देंहटाएंयकीनन सचिन के आईकॉन बनने की एक वजह उनकी सरलता और सहजता भी है। अभी कल ही की बात है, जब टीवी पर समाचार सुना कि उनके घर बनवाने के कारण पडोसियों को होने वाली असुविधा के लिए उन्होंने क्षमा मांगी है। वर्ना लोगों का तुर्रा यह होता है कि जानबूझ दूसरों को परेशान करने में गर्व महससू करते हैं।
जवाब देंहटाएंअपना अंधविश्वास मैंने नही लिखा था डा अनुराग की तरह मै भी अन्धविश्वासी हूँ मै रिमोट पर कब्जा करके बैठती हूँ की कहीं कोई चैनेल न चेंज कर दे
जवाब देंहटाएंजो क्रिकेट नहीं भी पसंद करते हैं वो सचिन को पसंद करते हैं और उनके जैसी विश्वसनीयता की हमारे देश के राजनैतिक पटल को भी जरुरत है
जवाब देंहटाएंसचिन नेक इन्सान लगते हैं।
जवाब देंहटाएंसचिन की ध्रिड्ता एवम् विनम्रता ही उसके व्यक्तित्व को प्रभावी बना रही है. आभार.
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सभी से सहमत,
जवाब देंहटाएंसचिन में सम्पूर्ण भारतीयता जो दिखती है,
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जो पेड़ फलों से जितनी लदी होती हें वो उतनी ही झुकी नज़र आती हैं. हमारा सचिन इन्ही पेड़ों में से एक पेड़ हैं.
जवाब देंहटाएंरूपाली, आपने बहुत सही लिखा है!
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सचिन भारत के सबसे बड़े आइकन हैं| कभी कभी तो ताज्जुब होता है, कोई क्यूँ काम करता है, पैसे के लिए, शोहरत के लिए, ख़ुद के लिए| इस इंसान के पास पैसा है, शोहरत की बुलंदियां हैं, फ़िर भी बिना रुके खेलते जातें हैं! कारण सिर्फ़ एक ही हो सकता है, अपने काम के लिए प्यार| इनपर इल्जाम लगाने वाले ये बात भूल जाते हैं|
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