गुरुवार, 23 अक्तूबर 2008

हिन्दी, अंग्रेजी और चंद्रयान.

कल चंद्रयान-१ का प्रक्षेपण किया गया। कई ब्लोगर्स ने उसे अपने अपने तरीके से पेश किया। हम भी खोज खोज कर पढ़ते रहे लोगों का उत्साह और उनका तरीका चीजें पेश करने का। एक साहब की बातें थोड़ा खटकी तो हमने सोचा कि उस पर कुछ लिखा जाय।
उन साहब ने ख़बरों को परोसा था अपने ब्लॉग में पहली ही ख़बर थी चंद्रयान के बारे में। बड़े उत्साह से उन्होंने मिशन की सफलता की कामना की थी और मांग की थी कि यह बताया जाय कि यान में कितने पुर्जे विदेशी और कितने स्वदेशी हैं। अगर वो जरा मेहनत करते तो इसरो ने काफ़ी जानकारियां अपनी वेबसाइट पर डाल रखी हैं.

खैर ये बात वो नही थी जो हमें खटकी। वो साहब जिन्होंने अपना स्क्रीन नेम अंग्रेजी में पसंद किया है जबकि उस शब्द का हिन्दी उतना ही प्रभावकारी और सरल है, आपत्ति करते हैं कि इसरो के वैज्ञानिकों ने प्रक्षेपण के बाद राजभाषा हिन्दी में बोलना उचित नही समझा।
जो लोग वैज्ञानिक शब्दावलियों और क्रियाकलापों से वाकिफ होंगे वो जानते होंगे कि प्रक्षेपण के पूरे क्रियाकलाप में सबकुछ अंग्रेजी में ही चलता रहता है। और प्रक्षेपण के तुंरत बाद वो वैज्ञानिक, जो राजनेता नही हैं कि दिखावा करते फिरें, उसी भाषा में बोल सकते हैं जिसके वो उस समय अभ्यस्त हों। वो वैज्ञानिक कोई जानकारी बढ़ने का कार्यक्रम नही कर रहे थे अपना उत्साह प्रदर्शित कर रहे थे।
हम सब अपनी भाषा से प्रेम करते हैं। इसका यह मतलब कतई नही है कि दूसरी भाषाएँ महत्वपूर्ण नही हैं। ज्ञान-विज्ञानं की सार्वभौमिक भाषा के रूप में अंग्रेजी के महत्त्व को नकारने से हमारी हिन्दी का भला या बुरा नही होगा।
जो चीज सहजता में आगे बढती है वो सफल होती है। भाषा को भी सहज रहने दें तो बेहतर होगा। किसी से तुलना या हीनभाव की कोई जरुरत नही हैं हमारी हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओँ को। हिन्दी ब्लोग्स का विकास यही दर्शाता है की स्वस्फूर्त चीजें ज्यादा मजबूती से बढ़ सकती हैं।
छोटी छोटी बातों पर दुखी होने की अपेक्षा यह अधिक अच्छा है कि हम बड़ी उपलब्धियों की खुशी मनाएं।
(ऊपर जिन ब्लोगर भाई का जिक्र किया है उनसे क्षमा याचना के साथ )

10 टिप्‍पणियां:

  1. छोटी छोटी बातों पर दुखी होने की अपेक्षा यह अधिक अच्छा है कि हम बड़ी उपलब्धियों की खुशी मनाएं।

    बहुत सुंदर विचार है। पर कुछ लोग हैं, जिन्हें हमेशा कमियाँ ही दिखाई देती हैं। लेकिन, इसमें उनकी कोई गलती नहीं, क्योंकि यह सब जीन्स का खेला है।

    रौशन, इतनी कम उम्र में भी आप जिस बेबाकी से अपने विचारों को बयाँ करते हो, यह काबिले तारीफ है।

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  2. अच्छा लिखा। ब्लॉग का यही मजा है - जो समझा, ठीक लगा, लिखा।
    एक व्यक्ति के रूप में; अभिव्यक्ति को अधिक और हिन्दी को कम महत्व दूंगा मैं।

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  3. shayad aap jaisi soch rakhne walon ka hi nateeja hai ki rajbhasha ko rastrabhasha ka darja nahi mil paya, bhala ho seth govind das ji ka, ki hindi kam se kam rajbhasha to bani. chandrayaan ke baare men jitni jaankariyan mujhe leni thin we to maine le leen, baat thi ki aam janta ko bhi yah batana chahiye. rahi baat english aur hindi ki, kahin yah to nahi likha gaya ki cryo ki jagah hindi ka shabd prayog karen ya nitrogen aur helium ki jagah koi hindi ka shabd laayen.

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  4. hamare khandan ke ek bujurg ne angrejon ke karinde ko maar kar apne ghar ke baahar daal diya tha, aisa bataya jata hai, ho sakta hai us gene ka asar ho

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  5. kisi ke khandan ke kisi bujurg ne angrejon ke kisi karinde ko mar kar ghar ke bahar daal diya to us khandan ke aj ke waris ko aj ke bhartiyon ki uplabdhiyon par sirf bhasha ke adhar par siyapa karne ka hak mil jata hai?

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  6. कामन मैन जी आपके ब्लॉग पर हिन्दी में लिखने के लिए टूल है और हमारे भी. पर आप रोमन में लिखना पसंद करते हैं टिप्पणियों को न कि देवनागरी में आखिर क्यों?
    जबकि रोमन में लिखी हिन्दी उतनी बोधगम्य नही हो पाती.
    आपके स्क्रीन नेम कि चर्चा हम पहले भी कर चुके हैं?
    क्या इसके पीछे सुविधा की बात नही है?
    क्षमा कीजियेगा पर हम पहले ख़ुद को जांच लें तो बेहतर नही होता?
    आप समझे नही पर दरअसल हमने आपके अपने लिए अलग और दुसरे के लिए अलग मानदंड वाली बात पर भी प्रहार किया था.
    अगर हमारे प्रहार में तीव्रता नही थी तो उसके लिए हम क्षमा मांगते हैं. पर प्रहार आप पर भी था.
    रही बात आम आदमी के लिए चंद्रयान की जानकारी की तो वह काम हिन्दी के समाचार पत्र आसानी से कर रहे हैं. उनकी पहुँच उस आम आदमी तक भी है जिसे पढ़ना तो आता है पर टी वी पर न्यूज़ नही देख पाता.
    आपकी उस पोस्ट की कुछ और विसंगतियों को लेकर हम अभी कुछ और लिखेंगे उसके लिए पहले से ही क्षमा मांग लेते हैं.

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  7. Common man itne chidhe huye kyun hein bhai? Kuch to baat hai :-) Achha Roushan, main samajhne ki koshish karti hun.

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  8. किस बहस में उलझ गए आप लोग. खुश होइए इस उपलब्धि पर.

    चंदा मामा दूर के,
    अब नहीं रहेंगे दूर,
    चंद्रयान उड़ चला है,
    मन खुश है भरपूर.

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  9. maje ki baat hai prahar karne ke bad ye bhi kahna pad raha hai ki prahar kiya hai ap par.
    kya is blog par roman men comment likhna svikary nahi hai? mere browser par hindi nahi aa pati sahi

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hamarivani

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